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लाल किताब के उपाय करने के लिए खास नियम
- उपाय सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच में करना चाहिए।
- एक दिन में केवल एक ही उपाय करें। कोई भी दो उपाय एक दिन में शुरू न करें।
- जो उपाय 43 दिन के लिए करने होते हैं, उनमें नागा नही हो। यदि उपाय बीच में टूट जाये तो उस उपाय को नए सिरे से दुबारा शुरू कर दे।
- घर में कोई सूतक (बच्चा जन्म हो) या पातक (कोई मर जाये) तो 40 दिन उपाय नही करने चाहिए। विशेष समस्या होने पर सम्पर्क कर सकते हैं।
- उपाय शुरू करने के लिए किसी खास दिन, वार, संक्रांति, अमावस्या या पूर्णिमा आदि का विचार न करे।
- वर्ष फल के उपाय जन्मदिन से शुरू कर सकते हैं।
- आपका उपाय आप की जगह आपके खून का कोई रिश्तेदार भाई, बहन, पुत्र, पुत्री, माता, पिता आदि भी कर सकते हैं।
- उपायो के साथ साथ जो परहेज आदि बताये जाते हैं, उन्हें भी पूरा महत्व दे। परहेज भी उपाय का ही काम करते हैं। जैसे- किसी रंग विशेष के कपड़े न पहनें, किसी के साथ अपने कपड़े सांझा न करे, अंडा, मीट, शराब का सेवन न करें, चाल चलन ठीक रखे, किसी की जूठी गवाही या जमानत न ले, दूसरों की जूठन न खायें न खिलाये, परस्त्री/ परपुरुष से संबंध न रखे। उपायो के साथ साथ परहेज भी पूरे किए जाए तो फल जल्दी मिलता है।