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कोलंबिया अंतरिक्ष यान: 7 उदीयमान सितारों का अंत

मार्च 2003
अमेरिका का अंतरिक्ष यान कोलंबिया, अपने 16 दिन के अभियान से लौटते समय, 1 फरवरी 2003 को, करीब 2 लाख फुट की ऊंचाई पर, टुकड़े-टुकडे़ हो गया। उतरने से 16 मिनट पहले ही वाको, डलास और टेक्सास के आकाश में कोलंबिया के टुकडे बिखर गये। नासा के मानवयुक्त अंतरिक्ष यान अभियानों के 42 सालों के इतिहास में यह एक करारा झटका है।

स्थानीय समय प्रातः 8 बजे कोलंबिया अंतरिक्ष यान दुर्घटनाग्रस्त हुआ। कैंप डेविड में छुट्टियां बिता रहे अमेरिकी राष्ट्रपति जाॅर्ज बुश अपना दौरा बीच में ही छोड़ व्हाइट हाउस लौट आये। इस यान में, भारतीय मूल की कल्पना चावला सहित, सात अंतरिक्ष यात्री थे, जिनकी मौत हो गयी।

अबतक इतिहास में इस तरह की कई मिसालें हैं, जब अमेरिका, या अन्य देशों के अंतरिक्ष यान असफल रहे हैं, या दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं। इन घटनाओं का ज्योतिषीय अध्ययन करने पर पता चलता है कि चतुर्थेश और अष्टमेश में संबंध बनने पर ऐसी घटनाएं होती हैं। गुरु और सूर्य की युति, या दृष्टि संबंध भी इन घटनाओं को बढ़ाते हैं। चतुर्थ भाव से इंजीनियरी में प्रगति और अष्टम भाव से दुर्घटनाओं और मृत्यु का विचार किया जाता है। गुरु आकाश तत्व का ग्रह है। वह आकाश में होने वाली घटनाओं को दर्शाता है। सूर्य अग्नि तत्व का ग्रह है। राहु अचानक होने वाली घटनाओं और तोड़-फोड़ का कारक है। प्लूटो वैज्ञानिक आविष्कार और विस्फोट की घटनाओं का प्रतिनिधित्व करता है। केतु कंप्यूटर इंजीनियरी का कारक ग्रह है। पिछले वर्षों में हुए असफल अंतरिक्ष अभियानों का विवेचन करने पर पाते हैं कि इस घटना का विश्लेषण करने के लिए अमेरिका की कुंडली, राष्ट्रपति जाॅर्ज बुश की कुंडली और घटना के समय की कुंडली का अध्ययन करना आवश्यक है।

अमेरिका की कुंडली में चतुर्थेश गुरु का अष्टमेश चंद्रमा से दृष्टि संबंध है। सूर्य और गुरु की युति सप्तम भाव में है। चतुर्थ भाव शनि से पीड़ित है। इस समय चंद्रमा की महादशा में शनि की अंतर्दशा चल रही है। चंद्रमा अष्टमेश हो कर तृतीय भाव में बैठा है, जहांसे सातवीं मित्र दृष्टि से नवम भाव को देखता है। अतः कुछ परेशानियों के साथ भाग्य और धर्म की वृद्धि होती रहती है। परंतु विनाशकारी परिस्थितियां भी आती रहती हैं। शनि की दृष्टि चतुर्थ भाव और चतुर्थेश गुरु दोनों पर है।

जाॅर्ज बुश की कुंडली में राहु-केतु काल सर्प योग बना रहे हैं। शनि की महादशा में राहु की अंतर्दशा चल रही है, जिसने उन्हें सत्ता के शिखर तक पहुंचा दिया है। लेकिन राहु की अंतर्दशा होने से उन्हें तोड़-फोड़ और अचानक होने वाली घटनाओं से निपटना पड़ता है।

घटना के समय की कुंडली का अध्ययन करने से पता चलता है कि अष्टमेश बुध की चतुर्थेश शुक्र के साथ युति है। सूर्य और गुरु का दृष्टि संबंध है। सूर्य मारक और गुरु भी मारक है। उच्च का गुरु द्वादश भाव को देख रहा है। आकाश तत्व का ग्रह गुरु और इंजीनियरी का ग्रह शनि दोनों ही वक्री चल रहे हैं। शनि राहु के साथ है और मंगल केतु से दृष्ट है। मंगल की दृष्टि लग्न और लग्नेश दोनों पर है।

इस घटना में मरने वाले यात्रियों में भारतीय मूल की कल्पना चावला को पूरा राष्ट्र श्रद्धांजली अर्पित कर रहा है। 1 जुलाई 1961 को करनाल में जन्मी कल्पना चावला ने पंजाब इंजीनियरिंग काॅलेज से एरोनाॅटिकल इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्त कर टेक्सास विश्वविद्यालय से एरोस्पेस इंजीनियरिंग में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त की। 1995 में नासा से संबंध जोड़ कर वह पहली महिला अंतरिक्ष यात्री बनी। आज कल्पना करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत है।

इस घटना में मरने वाले यात्रियों में भारतीय मूल की कल्पना चावला को पूरा राष्ट्र श्रद्धांजली अर्पित कर रहा है।